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जितना बँटेगा उतना बढ़ेगा || आचार्य प्रशांत, संत कबीरदास पर (2014)

2019-11-29 1 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />१७ सितम्बर, २०१४<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />दोहा:<br />पहिले दाता शिष भया, तन मन अरपा सीस।<br />पाछे दाता गुरु भये, नाम दिया बक्सीस॥<br /><br />दूसरों तक प्रकाश कैसे पहुंचाएं? भीतर उपलब्ध दिव्य ज्योंति से दूसरों को कैसे प्रकाशित करें?<br /><br />प्रसंग:<br />"जितना बँटेगा उतना बढ़ेगा" संत कबीरदास किस चीज बाँटने को बोल रहे है?<br />क्या है जो पूर्ण है?<br />क्या ऐसा है जो बाँटने से भी हमारा नहीं घटेगा बल्कि उतना ही बढ़ेगा?<br />संत कबीरदास पहले दाता शिष्य को क्यों बता रहें है?

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